MP GK for MPPSC Exam 2021/Top 1000 Important MP GK for MPPSC & MP vypam Exam/MP General Knowledge Questions With Answer for MPPSC, MP Vyapm and other State level exam.
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MP GK for MPPSC Exam 2021
मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां प्रायदीप नदियां कहलाती हैं। विन्ध्याचल पर्वतमाला उत्तर भारत और दक्षिण भारत का विभाजन करने वाली पर्वत श्रृंंखला है। मध्यप्रदेश गोडवाना लैण्ड क्षेत्र में आता है। नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की सबसे बडी नदी है। नर्मदा नदी एस्च्यूरी का निर्माण करती है। एवं मध्यप्रदेश के 15 जिलों से होकर गुजरती है।
मध्यप्रदेश में से महत्वपूर्ण खिलाडिया के नाम एवं उनकी विशेषता के साथ आपको यहां बताए जा रहे हैं।
- क्रिकेट खिलाडी –
- केप्टन मुशताक अली जो कि इन्दौर से हैं एवं ये विदेश में शतक बनाने वाले पहली भारतीय क्रिकेटर खिलाडी हैं। जो मध्यप्रदेश के इंदौर से हैं। ,
- नरेन्द्र हिखानी ये खिलाडी सन 1987 में इंडिया बनाम वेस्ट इंग्लैण्ड के टेस्ट मैच में 16 विकेट लेने वाले खिलाडी थे। यह भी इंदौर से हैं। ,
- मंसूर अली खां परोदी ये खिलाडी सैफ अली खान के पिता हैं। जो एक जाने माने स्टार हैं। मंसूर अली खां परोदी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से हैं।
- राहुल द्रविड ये ऐसे खिलाडी हैं। जिनको द वॉल ऑफ क्रिकेट के नाम से जाना जाता है। यह भी इंदौर से हैं। संध्या अग्रवाल ये खिलाडी महिला इंडियन क्रिकेट टीम की कप्तान रही हैं। इन्हे केन्द्र सरकार के द्वारा अर्जुन पुरस्कार तथा राज्य सरकार के द्वारा विक्रम पुरूस्कार दिया गया था। यह भी इंदौर से हैं।
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- हॉकी के खिलाडी –
- असलम शेर खां ये बेतूल से लोकसभा सांसद रहे हैं। एवं भोपाल से आते हैं। इन्होने अपनी आत्मकथा ‘’टू हेल विथ हॉकी’’ भी है। ,
- शंकर लक्ष्मण ये खिलाडी इंदौर के महू से हैं जो कि 1948 के ओलम्पिक में गोलकीपर रहे हैं। इनका उपनाम गोली भी है।, रूपसिंह इनका जन्म उ.प्र. में कर्मभूमि में माना जाता है। परन्तु ये ग्वालियर में निवास करते हैं। ये मेजर ध्यानचंद्र के भाई हैं। मेजर ध्यानचंद्र को हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है।, लतीफ अनवर ये रायपुर से हैं जिन्होने भारत के अलावा पाकिस्तान के लिये भी हॉकी खेली है।
- टेवल टेनिस – जाल गोदरेज, इन्हे द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के नाम से जाना जाता है। ये इंदौर से हैं।,
- बेडमिंटन खिलाडी – समीर वर्मा एवं सौरभ वर्मा ये दो ही खिलाडी हैं। जो मध्यप्रदेश के धार जिले से हैं।
- कुश्ती खिलाडी – गामा पहलवान जो दतिया जिले से हैं। ये एकमात्र ऐसे खिलाडी हैं जो मध्यप्रदेश से आते हैं।
- मलखम्भ खिलाडी – अजय वस्तारिया ये खिलाडी उज्जैन से हैं। इन्हे प्रभाश जोशी खेल रत्न पुरूस्कार प्राप्त करने वाले पहले खिलाडी हैं। , हर्ष यादव ये उज्जैन से हैं।
मध्यप्रदेश के प्रमुख स्टेडियम एवं उनकी विशेषताएं
- तात्याटोपे स्टेडियम – भोपाल (ये स्टेडियम मध्यप्रदेश का एकमात्र खेल संग्राहलय स्टेडियम है।)
- ऐशबाग स्टेडियम – भोपाल (ये एक मात्र स्टेडियम है जो हॉकी स्टेडियम है। मध्यप्रदेश का एक मात्र कृत्रिम हास से निर्मित स्टेडियम है।)
- Bab E Ali स्टेडियम – भोपाल
- रूपसिंह स्टेडियम – ग्वालियर( यह ऐसा स्टेडियम है जिसका नाम रूपसिंह के नाम पर रखा गया रूपसिंह मेजर ध्यानचंद के भाई थे। सचिन तेंदुलकर ने इसी स्टेडियम में अफ्रीका के खिलाफ दोहरा शतक बनाया था। यह स्टैडियम दूधिया रोशनी से रोशन पहला स्टेडियम है।)
- होल्कर स्टेडियम – इन्दौर (यह दूसरा दूधिया रोशनी से जगमग स्टेडियम है। जो इन्दौर में स्थित है।)
- अभयप्रशाल खेल स्टेडियम – इन्दौर (यह इंदौर का सबसे बडा स्टेडियम है।)
- नेहरू स्टेडियम – इंदौर (यह स्टेडियम इंदोर शहर में स्थित है।)
- रानीताल स्टेडियम एवं रविशंकर शुक्ल स्टेडियम – (यह स्टेडियम जबलपुर में स्थित है।)
- रणमन सिंह क्रिकेट स्टेडियम – यह स्टेडियम रीवा में स्थित है।
मध्यप्रदेश के प्रमुख खेल पुरूस्कार
- विक्रम पुरूस्कार – यह पुरूस्कार मध्यप्रदेश का पहला पुरूस्कार है जो 1990-91 से दिया जाता है। इसमें मिलने वाली राशि 1 लाख रूपय है। एवं यह केवल 19 वर्ष से अधिक उम्र के खिलाडियों को दिया जाता है।
- विश्वमित्र पुरूस्कार – यह पुरूस्कार 1994 से दिया जाता है। इसके अंतर्गत दी जाने वाली राशि 1 लाख रूपये होती है। यह पुरूस्कार केवल कोच को दिया जाता है।
- एक्लव्य पुरूस्कार – सन 1994 से दिया जाता है। इसे 19 वर्ष से कम आयु वाले खिलाडियों को दिया जाता है। इसके अंतर्गत दी जाने वाली राशि 50000 रूपये होती है।
- प्रभाश जोशी खेलरत्न पुरूस्कार – यह पुरूस्कार 2013 से से शुरू किया गया है इसे मलखम्ब के क्षेत्र में दिया जाता है। इसमें 1 लाख रूपये की राशि दी जाती है।
- लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरूस्कार – यह ध्यानचंद के भाई रूपसिंह यह दोनों ही हॉकी खिलाडी है। रूपसिंह की याद में दिया जाता है। इसमें 1 लाख रूपये की राशि प्रदान की जाती है। जीवन भर की खेल की उपलब्धियों के लिये यह पुरूस्कार दिया जाता है।
- होल्कर क्रिकेट एसोशिएसन की स्थापना – यशवंत राव होल्कर ने 1941, इंदोर में (यह अंतिम होल्कर शासक थे)
- मध्यप्रदेश बेडमिंटन एसोशियेशन की स्थापना 1946 में जबलपुर में हुई इसका मुख्यालय इंदौर में है।
- मध्यप्रदेश टेबल टेनिस ऐसोशिएसन की स्थापना 1957 में जबलपुर में की गई इसका मुख्यालय इंदौर में है।
- महिला हॉकी अकादमी इसका मुख्यालय ग्वालियर में है।
- भारत की सबसे बडी खेल संस्था स्पोर्टस् अथोरिटी ऑफ इंडिया का क्षेत्रिय कार्यालय भोपाल में है।
- म.प्र. का एक मात्र हॉकी छात्रावास नरसिंह पुर में स्थित है। एवं मध्यप्रदेश में एकमात्र आदिवासी खेल विश्वविघालय सीहोर में स्थित हे।
मध्यप्रदेश में खेलकूद
- विक्रम पुरूस्कार मध्यप्रदेश का पहला खेल पुरूस्कार है। एवं मध्यप्रदेश का पहला खेल क्लब पारसी क्रिकेट क्लब है जिसकी स्थापना 1890 में इन्दौर में की गई।
- मलखम्ब मध्यप्रदेश का राज्य खेल है जो 2013 में घोषित किया गया था। एवं मध्यप्रदेश की खेल राजधानी इंदौर को कहा जाता है। मध्यप्रदेश में खेलों के विकास के उद्देश्य से स्थापित की गई पहली खेल परिषद है जिसकी स्थापना 1960 में भोपाल में की गई। तथा इसको समाप्त कर 2011 में म.प्र. खेल प्राधिकरण की स्थापना की गई।
- मध्यप्रदेश खेलकूद और यूवा कल्याण विभाग की स्थापना 1975 में भोपाल में की गई थी।, म.प्र. खेल संचनालय की स्थापना 1975 में भोपाल में की गई।
मध्यप्रदेश की पर्वतमाला
दो प्रकार की पर्वतमालायें मध्यप्रदेश में हैं। पहली विंध्याचल पर्वतमाला है जो उत्तरी क्षेत्र में है एवं इसका विस्तार बिहार, डारखंड, मध्यप्रदेश तक है। तथा दूसरी पर्वतमाला सतपुडा पर्वतमाला है। जो दक्षिणी क्षेत्र में है जिसका विस्तार Chhattisgarh, मध्यप्रदेश, गुंजरात तक फैला हुआ है। इन पर्वतमालाओं नर्मदानदी अलग करती है। जिसमें नर्मदा नदी के उत्तर तक विंध्याचल पर्वतमाला एवं नर्मदा नदी के दक्षिण तक सतपुडा पर्वतमाला है।
इन पर्वतमालाओं के अंतर्गत पांच पर्वतश्रेणियां आती है। जिसमें कैमूर पर्वत श्रेणी, भाण्डेर पर्वत श्रेणी, मैकाल पर्वत श्रेणी, महादेव पर्वत श्रेणी, राजपीपला पर्वत श्रेणी प्रमुख हैं। जिनमें से विंध्याचल पर्वतमाला के अंतर्गत दो श्रेणियां आती है। जो उत्तर भारत और दक्षिण भारत को विभाजित करती हैं। पहली कैमूर एवं दूसरी भाण्डेर पर्वत श्रेणी, कैमूर पर्वत श्रेणी झारखण्ड, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले तक है। कैमूर की पहाडियों से टोंस नदी का उद्गम होता है।
उमरिया में स्थित बांधवगढ की पहाडियां एवं त्रिकुट पर्वत कैमूर पर्वत श्रेणी का अंक हैं। यहां सदभावना शिखर(दमोह) जिसकी ऊचाई 754 मीटर तक है कैमूर श्रेणी में विंध्याचल की सबसे ऊंची चोटी है। इसके अलावा छतरपुर से विंध्याचल पर्वतमाला का पश्चिमी भाग, भाण्डेर श्रेणी में स्थित है।
सतपुडा पर्वतमाला में तीन श्रेणियां हैं। मैकाल श्रेणी जो छत्तीसगढ से छिन्दवाडा तक है,
दूसरी महादेव श्रेणी जो छिन्दवाडा से बुरहानपुर तक, एवं तीसरी राजपीपला श्रेणी बुरहानपुर दर्रा से पश्चिम में महाराष्ट्र तक फैली है।
मध्यप्रदेश की प्रमुख गुफाएं -MP GK for MPPSC
- म.प्र. में भीमबेटिका की गुफा जो विश्व की सबसे बडी गुफा समूह है जिसमें 700 से अधिक गुफाएं हैं। जो औब्दुल्लागंज (रायसेन) में स्थित है।
- इसके अलावा मध्यप्रदेश में मृगेन्द्र नाथ की गुफा रायसेन (पाटनीगांव) में स्थित है।
- उदयगिरी एवं खण्डगिरी की गुफाएं जो विदिशा में स्थित हैं।,
- भर्तहरि की गुफाएं उज्जेन में स्थित हैं। ये गुफाए परमार वंश के द्वारा निर्मित की गई हैं।,
- कालियादेह की गुफाएं उज्जेन में हैं।,
- बाघ की गुफाएं धार जिले में हैं। जो अजन्ता की गुफाओं के समान ही हैं। ,
- लोहानी की गुफाएं ओमकारेश्वर (खण्डवा) में हैं। जहां पर शंकराचार्य जी ने तपस्या की थी।
- पाण्डवों की गुफाएं एवं आदमगढ की गुफाएं – पचमढी (होशंगाबाद) में स्थित हैं। , कबरा की गुफाएं राजगढ में स्थित हैं। , विलोबा की गुफाये ग्वालियर में स्थित हैं।, मारा की गुफाएं सीधी में स्थित हैं।,
- आल्हाउदल की गुफाए मैहर(सतना) में स्थित हैं।, चंद्रशेखर आजाद गुफाएं टीकमगढ में स्थित हैं।,
- जामवंत की गुफाएं डिण्डोरी में स्थित हैं,
- गुप्तेश्वर की गुफाएं जिन्दवाडा में स्थित हैं।, सारोमारी की गुफाएं सीहोर में स्थित हैं।,
- सिद्धबाबा की गुफाएं निवाडी में स्थित हैं।
- माडा की गुफाए सिंगरौली में स्थित हैं।, सिद्धचल जैन मंदिर गुफाएं ग्वालियर में स्थित हैं।,
- धमनार की गुफाएं मंदसौर में, काजलरानी की गुफाएं मान्धाना(खण्डवा) में स्थित हैं।,
- गोविंदा भागवनपाद की गुफाएं ओमकारेश्वर(खण्डवा) में,
- रीजगढ की गुफाएं होशंगाबाद में, जटाशंकर की गुफाएं पंचमढी होशंगाबाद) में, देवनाता की गुफाएं डिण्डोरी में स्थित हैं, एवं बांधवगढ की गुफाएं उमरिया जिले में स्थित हैं।
मध्यप्रदेश में वायु परिवहन-MP GK for MPPSC
मध्यप्रदेश में प्रथम वायु उडान 1948 में शुरू हुई थी जिसका रास्ता मुम्बई, इन्दौर, ग्वालियर से दिल्ली तक था। मध्यप्रदेश में हवाई अड्डों की संख्या 05 है। जो इस प्रकार हैं।
1. देवी अहिल्याबाई होलकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इंदौर में है। यह हवाई अड्डा अहिल्याबाई की 206 वी पुण्यतिथि पर 2001 में इंदौर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से नाम बदलकर देवी अहिल्याबाई के नाम पर रखा गया।
2. राजाभोज हवाई अड्डा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में है।
3. रानी दुर्गावती हवाई अड्डा यह हवाई अड्डा जबलपुर में स्थित है। इसे अन्य नाम कुंगरा हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है।
4. विजयराजे सिंधिया हवाई अड्डा, ग्वालियर में स्थित हवाई अड्डा है। तथा
5. छत्रसाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यह खजुराहो में है। यह मध्यप्रदेश का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
वायुसेना की हवाई पट्टी मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित है। एवं विद्युत मण्डल की हवाई पट्टी मध्यप्रदेश के बैतूल में स्थित है। मध्यप्रदेश में मंडला जिले में कान्हाकिसली राष्ट्रीय पार्क एक ऐसा पार्क है जिसमें हवाई पट्टी स्थित है।
मध्यप्रदेश में संचार-MP GK for MPPSC
मध्यप्रदेश में संचार की दृष्टि से देखें तो मध्यप्रदेश में सबसे अधिक समाचार पत्र भोपाल से ही प्रकाशित होते हैं जो मध्यप्रदेश की राजधानी है। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक जिसका प्रचार एवं प्रसार होता है वह समाचार पत्र दैनिक भास्कर है।यह भी राज्य की राजधानी भोपाल से ही प्रकाशित होता है। इसका प्रकाशन सन 1958 से शुरू हुआ था।
दूसरा सबसे अधिक प्रचार-प्रसार वाला समाचार पत्र 1947 में ‘नई दुनिया’ इंदौर से प्रकाशित हुआ। था। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश का पहला हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र मालवा अखवार है जो इंदौर शहर से प्रकाशिता होता है इसका प्रकाश सन 1848 में हुआ था।
मालवा अखवार द्विभाषिय अखवार है। तथा मध्यप्रदेश का पहला दैनिक हिंदी समाचार पत्र ‘नवजीवन’ इंदौर से ही प्रकाशित हुआ। यह सन् 1939 में प्रकाशित हुआ।
मध्यप्रदेश का वर्तमान में चल रहा सबसे पुराना समाचार पत्र जमाणि प्रताप हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र सन् 1905 में ग्वालियर से प्रकाशित हुआ।, मध्यप्रदेश का सिनेमा से संबंधित प्रथम समाचार पत्र ‘सिने एक्सप्रेस’ 1959 में इंदौर से प्रकाशित हुआ।,
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