Berojgari ki samasya essay in Hindi/Berojgari ki samasya par essay 250 to 500 World /Unemployment essay in Hindi/ Essay on unemployment in Hindi for Class 10th and Class 12th Student
बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – रूपरेखा
- प्रस्तावना
- बेरोजगारी से आशय
- भारत में बेरोजगारी के कारण
- बेरोजगारी रोकने के उपाय
- देश में बेरोजगारी से होने वाली समस्याएं
- उपसंहार
1. प्रस्तावना – भारत मेें आज जब हम भारत देश की समस्याओं की गणना करते हैं तब हम उन में बेरोजगारी की समस्या को प्रथम स्थान देते हैं। आज भारत विकासशील देश से विकसित देश की श्रेणी में केवल इसलिए पीछे हैं क्योंकि हमारे देश में बेरोजगारी की मुख्य समस्या है। देश के लोगो को रोजगार नही मिल रहा है।
ऐसे देश जहां युवा शिक्षित है एवं कार्य करने में सक्षम है और इन्हें कार्य क्षमता के अनुरूप कार्य मिले तो वह अपने कार्य को पूर्ण मन से करते हैं और वह देश निरन्तर उन्नति के मार्ग पर बढ़ता जाता है, और यदि किसी देश मैं इसके विपरीत होता है तो हर देश विध्वंस की गति में चला जाता है और उसे पुनः विकसित होने में लंबा समय लगता है। बेरोजगारी की समस्या में जनसंख्या वृद्धि का होना एक बहुत बडा कारण साबित होता है। यदि बेरोजगारी की समस्या से निपटना है तो जनसंख्या नियंत्रण पर अधिक बल देना ही होगा। इसके अलावा देश में प्रत्येक व्यक्ति की शिक्षा को लेकर सजगता एक महत्वपूर्ण विषय भी है।
2. बेरोजगारी से आशय –
बेरोजगारी शब्द का सामान्य अर्थ बिना रोजगार के होता है । परंतु यदि इसका व्यापक अर्थ में व्याख्या करें तो हम पाएंगे कि हम व्यक्ति जो कार्य एवं श्रम करने में सक्षम हैं परंतु उसे उसकी कार्य क्षमता के अनुरूप कार्य की प्राप्ति नहीं होती है । इसका एक अन्य अर्थ भी है जब लागो को काम नही मिलता और वे घर पर फ्री बैठे रहते है, तो उन्हे बेरोजगार कहते है और तब इस स्थिति को बेरोजगारी की श्रेणी में गिना जाता है
यहां पर बेरोजगार होना एक ऐसी मनोधारा को भी माना जाता है जिसके अंतर्गत जो लोग यह सोचते हैं कि उन्हे कोई काम नहीं मिल रहा है। और स्वयं के दोष को ना देखकर वह अन्य पर दोषारोपण करते हैं परन्तु उन व्यक्तियों को यह भी देखना चाहिए। कि उनमें वह कौशल है जिसके लिये उन्हे रोजगार दिया जाये। सामान्य रूप में बेरोजगारी निम्न प्रकार की होती है –
- सामान्य बेरोजगारी
- शिक्षित बेरोजगारी
- श्रम कार्य बेरोजगारी
Berojgari ki samasya essay in Hindi
3. बेरोजगारी के कारण – बेरोजगारी के कई कारण हो सकते हैं। जैसे शारीरिक दुर्बलता, शिक्षा पूर्ण रूप से प्राप्त ना होना, पारिवारिक समस्याओं के कारण, जनसंख्या वृद्धि के कारण, मशीनों के बढते उपयोग के कारण, इसके अलावा जिस कार्य को करने के लिए 100 मजदूर की जरूरत होती थी उस कार्य को आज एक मशीन आसानी से कर देती है।
बेरोजगारी बढ़ने के पीछे मशीनीकरण का एक महत्वपूर्ण योगदान है। यहां कार्य तो जल्दी हो जाता है किंतु 100 लोगों का रोजगार छिन जाता जैसे देश में निरंतर समस्या बढ़ती ही जा रही बेरोजगारी का प्रमुख कारण तो रोजगार की प्राप्ति ना होना है परंतु इसके अलावा भी कई कारण हैं जिनके कारण बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो रही है बेरोजगारी के निम्नलिखित कारण है –
उद्योगों का अभाव –
हमारे भारत देश में बहुत कम उद्योग हैं और इन उद्योगों में बहुत कम लोगों को रोजगार मिल पाता है उद्योग के अभाव में बहुत से मजदूर श्रमिक अपने घर पर बैठे हुए हैं उद्योगों के अभाव में आज श्रमिक घर में बैठे हुए हैं और उन्हें रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
आज हम देखते हैं कि जहां देखों प्रत्येक व्यक्ति को इन विचारों से संचित किया जाता है कि वह नौकरी करें और इन्ही विचारों के चलते वह नौकर बनने की ओर अग्रसर होता है। एवं जहां उसे किसी उद्योग, किसी कम्पनी, व्यवसाय की स्थापना करनी चाहिए थी। वो नहीं हो पाता है इसलिये आज के समय में उद्योगों का आभाव बहुत ही बढता जा रहा है।
पूंजी का अभाव – आमतौर पर देखा जाता है की कोई नया रोजगार शुरू करने के लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में पूंजी नहीं होती और यदि हम लघु एवं कुटीर उद्योग प्रारंभ करने के लिए लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो इसके लिए भी एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसके कारण हम अपना स्वरोजगार हेतु पूंजी की व्यवस्था नहीं कर पाते और हमें बेरोजगार रहना पड़ता है । आज हमारे पास पूंजी का भाव है जिसके कारण हम छोटे स्तर पर लघु एवं कुटीर उद्योगों को खोलने में सक्षम नहीं है जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ रही है ।
शिक्षा नीति
आज हमारी शिक्षा नीति कार्य पूर्ण नहीं है जिसमें सभी लोग सिर्फ मानसिक श्रम को महत्व देते हैं। हम देखते हैं कि जनसंख्या वृद्धि इतनी तेज गति से बढती जा रही है। जिसको भविष्य में बहुत सी समस्याओं का कारण माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इसका शिक्षा नीति में बहुत ही गिरावट आई है। आज जो शिक्षा दी जानी चाहिए। वह सही रूप में नहीं दी जाती है। कई स्थानों पर तो शिक्षा का मजाक बनाया जाता है। जिसमें बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड किया जाता है। चाहे बच्चों को कुछ आये या ना आये उन्हे पास करके आगे की ओर भेज दिया जाता है। जिससे बेरोजगारी की समस्या भविष्य में देखने को मिलती है।
4. बेरोजगारी रोकने के उपाय –
आज बेरोजगारी की स्थिति इतनी बढ़ चुकी है कि इस हेतु हमें सतत प्रयास करने होंगे सर्वप्रथम हमें शिक्षा नीति में बदलाव करना होगा बेरोजगारी रोकने हेतु अपनी शिक्षा नीति में केवल मानसिक श्रम को ही नहीं महत्व दिया जाना चाहिए बल्कि शारीरिक श्रम को भी मार देना चाहिए। बेरोजगारी से निपटने के लिये लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के विषय में जागरूक होना चाहिए एवं इसके लिये पहल भी करना चाहिए। इसके अलावा बेरोजगारी की समस्या भविष्य में ना हो इसके लिये व्यक्तियों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को ऐसी विचारधारा से परिपूर्ण करें जिससे उनके जीवन में नौकरी करना लक्ष्य ना हो बल्कि कोई ऐसा पद प्राप्त करना हो जिससे कि वह अन्य लोगों को नौकरी दे सके। इससे स्वत: ही नौकरियों की समस्या भी समाप्त होगी। एवं बेरोजगारी भी नहीं बढेगी।
- नवीन उद्योगों की स्थापना- बेरोजगारी की समस्या को दूर करने हेतु लोगों को उनकी कार्य क्षमता के अनुरूप कार्य मिल सके इसके लिए शासन को नए नए उद्योग की स्थापना की जानी चाहिए। देश में ही विकसित होगा जिसमें नवीन उद्योग स्थापित होंगे ।
6. उपसंहार भारत में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या हैा भारत में शिक्षा का आभाव, रोजगार के लिए पर्याप्त उघोगो की कमी शासन की नाकामी जैसे कई कारणों से बेरोजगारी जन्म लेती है। आज बेरोजगारी की स्थिति इतनी बढ़ चुकी है कि अगर इस पर अंकुश न लगाया गया तो देश की आर्थिक सामाजिक भौतिक एवं राजनीतिक दशा को हिला सकती हैं यदि बेरोजगारी की बात भारत के परिपेक्ष में की जाए तो इसकी स्थिति बहुत ही खराब है यदि इस स्थिति में सुधार होता है तो निश्चित ही रूप से हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में आ सकता है
”आतंकवाद आंदोलनों की एक ही है जननी। इसे विवसता कहे या मजबूरी हमारी ।। आज बेरोजगारी खड़ी सक्षम हमारी । नव उद्योग पूंजी लगाकर करे नई तैयारी” ।।
5. बेरोजगारी से होने वाली समस्याएं – जो देश में बेरोजगारी की समस्या होती है वह देश कवि विकसित नहीं हो सकता! यहां के अधिकतर लोग आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने लगते हैं ! शारीरिक एवं मानसिक रूप से व्यक्ति बीमार होने लगता है ! जिस देश में बेरोजगारी की समस्या अधिक होती है वहां शिक्षा पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है! बेरोजगारी से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है जब व्यक्ति को रोजगार नहीं मिलता है और वह पूरे टाइम घर पर रहता है तो घरेलू हिंसा होती है, अन्य कई प्रकार की समस्या बेरोजगारी से उत्पन्न होती है
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