Hindi Essay Coronavirus/ Essay on Coronavirus 2022- वर्तमान में बोर्ड परीक्षाओं में कोरोना वायरस पर 250 शब्दो में निबंध पुछा जा रहा है। आज के इस टॉपिक में हम आपको हिंदी में निबंध कोरोना वायरस पर बताने वाले है यह बहुत ही आसान भाषा में है। जो आपको आसानी से याद हो जायेगा और पढने भी बहुत मजा आयेगा।
कोरोना वायरस क्या है? कहाँ से आया है? क्यों आया है? कब आया है? इस वायरस से क्या होता है? इससे बचने के कोई उपाय हैं? यदि हैं तो क्या हैं? क्या इसके लिये कोई दवा खोजी गई है? क्या किसी भी प्रकार की दवा से कोई नुकसान है? कब तक जायेगा? कहाँ पर जायेगा? क्यों जायेगा? इसके आने पर देश में क्या प्रतिक्रियाएं शुरू हुई? देश में किन-किन लोगों ने इसके बारे में क्या कहा है? आम लोगों पर इसका क्या असर हुआ है? अमीर व्यक्तियों पर इसका क्या असर हुआ है? कोरोना समय में अस्पतालों में आये कोरोना मरीजों का क्या हाल रहा था? इन सभी प्रश्नों पर आज चर्चा होगी थोडी हट के।
Hindi Essay Coronavirus
प्रस्तावना – कोरोना वायरस क्या एक भूत है? जैसा कि टिकटोक, मोज, जैसी एपलीकेशनों पर फनी वीडियो में बताया जाता है। जी नहीं यह एक वायरस है। यह वायरस है। तो यह कहां से आया है? कुछ लोगों ने बताया कि यह जानवरों के द्वारा फैलाया गया कोई बोल रहा है कि ये वायरस जानवरों को खाने से होता है। और कोई बोलता है कि यह चीन देश के वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया एक वायरस है। जो कि कई देशों में रासायनिक आक्रमण करने के लिये बनाया है। कोरोना वायरस कब आया है?
वैसे चीन में 17 नवंबर 2020 को इस वायरस का पता लगा था तथा भारत देश में इससे होने पहली मौत 25 दिसम्बर 2020 को सामने आयी थी। यह वायरस भारत एवं विदेशों में आने जाने वाले लोगों के द्वारा लाया गया है। किस प्रकार से लाया गया है तो यह एक ऐसा वायरस है जो कि व्यक्ति से व्यक्ति में वायु के माध्यम से, छूने के माध्यम से फैलता है। और व्यक्ति के स्वशन तंत्र को प्रभावित करता है। जिसका प्रभाव को यदि कम ना किया जाये तो इससे व्यक्ति की मौत भी संभंव हो सकती है।
वायरस से बचने के उपाएं –
इससे बचने का कोई पूर्ण रूप से विकसित तरीका तो अभी तक खोजा नहीं गया है। परन्तु कोरोना वायरस से बचने के लिये कई उपाय किये जा सकते हैं। जिन उपायों के जरीये आप अपना प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) को मजबूत कर इस वायरस को मात दे सकते हैं। इस वायरस के मरीजों को एवं जो मरीज नहीं हैं उन्हे भी कोरोना वायरस से बचने के लिये इस वायरस की वेक्सीन खोज ली गई है। इस वैक्सीन से कोई नुकसान तो नहीं है।
परन्तु इस टीके को लगवाने से आपको थोडा बुखार, हाथ पैरों में दर्द, पसीना आना, जैसे समस्या आयेंगी और फिर आप नोरमल हो जायेंगें। इस टीके को लगवाने से कोई भी विशेष नुकसान नहीं है। यह वायरस इस किसी भी देश से कब तक जायेगा यह तो कहा नहीं जा सकता है। परन्तु इस वायरस के संपर्क में हम ना आयें और इससे बचने के उपाये सोचे तो शायद इस वायरस से छुटकारा पाया जा सकता है।यह कहां से आया है। तो यह वायरस चीन देश के बुहान शहर की लैब से उत्पन्न हुआ है। जो कि कहां तक जायेगा इसका कोई भी पता नहीं है।
आम जनता को परेशानी
करोना वायरस के आने से हमारे देश में एक बहुत ही भयंकर डर का माहौल बन गया था आम आदमी परेशान होने लगा था। देशों की सरकारें परेशान थीं। और वहीं पर भारत देश में कई यूवाओं, बच्चों ने इसे मजाक में लिया था। इस वायरस का बहुत ही मजाक उडाया गया। फिर जब उसके पडोसी को कोरोना हुआ एवं कुछ घटना हुई तो फिर मजाक उडाने वाला भी परेशान हुआ।
थोडा घबराया चाय की दुकानों पर जाना कम हुआ। कुछ उपद्रव मचाने वाले लोगों के व्यवहार में सुधार भी देखने को मिला। मतलब कि इस वायरस से कुछ तो अच्छा हुआ। एवं किसी के परीवार में किसी सदस्य की मृत्यू पर परिवार में मातम भी छाया।
अर्थात् कुछ नुकसान भी देखने को मिले। बहुत से लोगों ने तो पुलिस के डंडे भी खाये। गालियाँ भी सुनी, घर वालों की डांट भी खाई। फिर जाके समझ में आया। पुलिस वालों ने भी लॉकडाउन का अच्छा फायदा उठाया किसी भी उपद्रवी की पिटाई में कोई कसर नहीं छोडी।
अच्छे से स्वागत किया। गांवों के लोगों से माक्स लगाने का आग्रह किया एवं कुछ समझदार लोगों को डंडे से भी समझाया गया। कई बडे लोगों ने इस वायरस से बचने के लिये उपदेश भी दे डाले। तो किसी ने बिना उपदेश के लोगों की सहायता की।
वायरस से बेरोजगारी
देश के आम लोगों में इस बीमारी को लेकर एक भय उत्पन्न हुआ परन्तु उन्होने हिम्मत नहीं हारी और इससे लडने के लिये बताये जा रहे अपने कर्तव्यों को महत्व भी दिया। कई व्यक्तियों का रोजगार छिन गया तो कई व्यक्तियों को रोजगार से मतलब ही नहीं था। एवं किसी ने घर से अपने कामों को किया। सब एक दूसरे से हाथ मिलाने के बदले दूर से ही नमस्ते करने लगे।
जिससे वह संस्कारी लगने लगे। और कोरोना वायरस से भी बचाव हुआ। माक्स भी लगाना शुरू किया जिसके चहरे की सुरक्षा कई प्रकार से हुई जैसे कि धूल से बचाव, चेहरे पर लगने वाली ठंड से भी बचाव, कर्ज लिये हुए व्यक्तियों को भी अपना चाहरा छुपाने में इससे फायदा हुआ।
जैसे कि अभिनेता सोनू सूद ने लोगों की बहुत सहायकता की अब चाहे वह सहायता स्वार्थ के लिये हो या फिर हृदय की करूणा के कारण हो। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस वायरस से बचने एवं सतर्क रहने को कहा देश को सद्भावना भी दी। देश में सहायता करने वाले लोगों को बधाई भी दी।
कभी खुशी कभी गम –
अमीर व्यक्तियों पर इस वायरस का आम व्यक्तियों के मुकाबले अधिक डर देखने को मिला है। जिससे आम व्यक्तियों ने उनका मजाक अपने स्तर पर बहुत बनाया। कभी खुशी कभी गम जैसा माहौल बना हुआ था देश में। लॉकडाइन में कहीं बाहर निकलने की एक उत्तेजना भी थी तो वहीं दूसरी ओर पुलिस के डंडे पडने का डर भी था।
जो इस वायरस का मरीज है उसको जबरजस्ती एम्बूलेंसो में बैठाकर ले जाया जा रहा था। एवं कुछ अपनी मर्जी से इलाज करवाने जा रहे थे। कुछ हॉस्पिटल तो ठीक थे। जिनमें मरीजों का ध्यान ठीक प्रकार से रखा जाता था। और वहीं दूसरी ओर ऐसे अस्पताल भी थे। जिनमें कोई परवाह ही नहीं थी। दो गोलियां खिलाते और 2 दिन बाद वापस अपने घर को भेज देते थे। कोई मरीज ठीक होकर आता तो किसी मरीज की मौत भी हो जाती जिससे उसके परिवार वालों को मिलने भी नहीं दिया जाता था। किसी ने इस लॉकडाइन में भरपूर आंनद लिया। एवं किसी ने कुछ दुख भी भोगा तो किसी ने जिन्दगी ही समाप्त कर ली। इस तरह की अनेक प्रक्रियाएं हमें देखने को मिलीं। जिससे अनेक प्रकार के व्यक्तियों के हृदय (मन) में खुशी तो किसी को दुख एवं किसी को सद्भावना देने का विचार उठा।
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